अमोल मालुसरे कौन है

सूचना प्रौद्योगिकी पर प्रश्नोत्तर

सूचना प्रौद्योगिकी पर प्रश्नोत्तर

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000

इलेक्ट्रानिक डाटा के आदान –प्रदान द्वारा और इलैक्ट्रानिक संसूचना के अन्य साधनों द्वारा, जिन्हें सामान्यताया “इलैक्ट्रानिक वाणिज्य” कहा जाता है और जिनमें संसूचना और सूचना केभंडारण के कागज-आधारित तरीकों के अनुकल्पों का उपयोग अंतर्वलित है, किए गए संव्यवहारों को विधिक मान्यता देने, सरकारी अभिकरणों में दस्तावेजों को इलैक्ट्रानिक रूप से फाइल करना सुकर बनाने और भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872, बैंककार बही साक्ष्य अधिनियम, 1891 और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 का और संशोधन करने तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम।

 

इस अधिनियम का  विस्तार और लागू होना-

1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 है।

2)  इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर होगा और इस अधिनियम में जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, यह किसी व्यक्ति द्वारा भारत के बाहर किए गए की अपराध या इसके अधीन उल्लंघन को भी लागू होता है।

3) यह उस तारीख1 को प्रवृत्त होगा, जो कन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, नियत करे और इस अधिनियम के भिन्न- भिन्न उपबंधों के लिए भिन्न – भिन्न तारीखेँ नियत की जा सकेंगी और किसी ऐसे उपबंध में इस अधिनियम के प्रारंभ के प्रति किसी निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उस उपबंध के प्रांरभ के प्रति निर्देश है।

1.- अधिसूचना सं. सा. का. नि. 788(अ)दिनांक 17-10-2000

4)  इस अधिनियम की कोई बात निम्नलिखित को लागू नहीं होगी-

2[(क)] परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (1881 का 26)  की धारा 13 में यथा परिभाषित परक्राम्य लिखत (चेक से भिन्न)

2.- 2002 के अधिनियम सं. 55 की धारा 12 द्वारा (6-2-2003 से) खंड (क)  के स्थल पर प्रतिस्थापित।

ख. मुख्तारनामा अधिनियम, 1882 (1882 का 7)  की धारा 1- क में यथापरिभाषित मुख्तारनामा;

ग. भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 (1882 का 2) की धारा 3 में यथापरिभाषित न्यास;

घ. भारतीउ उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 (1925 का 39 ) की धारा 2 के खंड (ज) में यथापरिभाषित विल, जिसके अंतर्गत कोई अन्य वसीयती व्ययन भी आता है, चाहे उसका जो भी नाम हो;

ड. स्थावर संपत्ति या ऐसी संपत्ति में किसी हित के विक्रय या हस्तांतरण के लिए कोई संविदा;

च. किसी ऐसे वर्ग का दस्तावेज या संव्यवहार, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचित किया जाए।

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